यज्ञ प्रशिक्षण शिविर
4 दिसंबर 2022, रविवार
स्थान – वानप्रस्थ साधक आश्रम, आर्यवन, रोजड़, गुजरात
वैदिक धर्म में यज्ञों-महायज्ञों की महत्ता सर्वविदित है। देवयज्ञ/अग्निहोत्र इसके दैनिक नित्यकर्म में सम्मिलित हैं । यदि यज्ञ श्रेष्ठतम कर्म है तो वह तभी श्रेष्ठतम हो सकता है जब वह विधिवत् उचित रीति से किया जाए।
जो नए महानुभाव, यज्ञ-अग्निहोत्र अपने घर में करना चाहते हैं परंतु उसका विधि-विधान नहीं जानते हैं वे यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने घर में स्वयं यज्ञ-अग्निहोत्र कर सकते हैं । जो यज्ञ करते हैं वे भी यज्ञ का महत्व, वर्तमान युग में उसकी उपयोगिता, उससे पारिवारिक और सामाजिक लाभ आदि का परिज्ञान इस शिविर में प्राप्त कर सकते हैं ।
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